लेखकों से

लेखकों से अनुरोध है कि लेख के प्रथम पृष्ठ पर अपने शोध आलेख का शीर्षक, अपना नाम एवं पता का उल्लेख करें। लेख के अन्य पृष्ठ पर कहीं भी अपनी पहचान (प्कमदजपजल) व्यक्त न करें।
लेखक अपने शोध आलेख (हार्डकाॅपी) की दो प्रतियों और उसकी सी0डी0 (साॅफ्ट काॅपी) संपादक के पते पर भेजने का कष्ट करें।
लेख के अन्त में सन्दर्भ एवं पाद टिप्पणी (थ्ववज छवजम) लिखते समय सम्बन्धित पुस्तकों अथवा पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन वर्ष, प्रकाशन का नाम एवं पृष्ठ संख्या का स्पष्ट उल्लेख करें। यदि सम्बन्धित विषय वस्तु का कुछ अंश इन्टरनेट के माध्यम से संकलित किया गया है तो (ूमइेपजम) सहित उसका नाम भी अंकित करें।
शोध पत्रों में स्पष्ट रूप से सन्दर्भों का उपयोग करें एवं सन्दर्भ हेतु ए.पी.ए (छठवां/सातवाँ संस्करण) शैली का अनुपालन करें। यह अनुपालन शोध के शीर्षक, बीच के सामग्री में, टेबल में एवं एंड नोट आदि सभी में अनिवार्य है।
शोध पत्र के आरंभ में अधिकतम 250 शब्दों का शोध-सारांश और अंत में उपसंहार अवश्य लिखें।
संदर्शन साहित्यिक चोरी की निंदा करता है एवं लेखकों से उच्चतम लेखकीय आदर्शों के अनुपालन की अपेक्षा रखता है।
लेखक अपने शोध पत्र में व्याख्या की अपेक्षा अपने मौलिक विचार प्रस्तुत करें।
शोध पत्र मौलिक, वस्तुनिष्ठ एवं ज्ञान के क्षेत्र एवं समाज में योगदान करने में सक्षम हों।
शोध आलेख संपादकीय परामर्श समिति की संस्तुति के पश्चात ही प्रकाशन हेतु संस्तुति के पश्चात ही प्रकाशन हेतु संस्तुत किया जायेगा।
सम्पादक को यह अधिकार है वे अनावश्यक प्रस्तुति को संक्षिप्त कर सकें।
लेखक अपना लेख इन्टरनेट के माध्यम से भी भेज सकते हैं। मौलिकता प्रमाणपत्र एवं अन्यत्र प्रकाशन हेतु नहीं भेजे जाने सम्बंधी घोषणा के साथ तक शोध पत्र ई-मेलः
philosophy.hsu111@gmail.com
rkpandey69@rediffmail.com
लेखक अपना लेख अपना शोध पत्र PDF & Ms word फाईल में ही भेजें।
पुस्तक समीक्षा भी यथास्थान प्रकाशित की जायेगी।
संदर्शन लेखकीय स्वतंत्रता के सिद्धांत का अनुपालन करती है फिर भी वाद-विवाद की स्थिति में अथवा आपत्तिजनक सामग्री, अपुष्ट सामग्री के सन्दर्भ में मुख्य संपादक का निर्णय अंतिम एवं मान्य होगा।
प्रकाशित होने के बाद शोध पत्र पर संदर्शन का सर्वाधिकार होगा और पुनः प्रकाशन हेतु मुख्य संपादक की अनुमति अनिवार्य होगी।

विशेष अनुरोध-
कोई भी लेख मुख्य संपादक के नेतृत्व में संपादक मंडल द्वारा चयनित किए जाने के बाद ब्लाइंड पीयर रीव्यू हेतु प्रेषित किया जाता है तथा रीव्यूयर की टिप्पणियों के अनुरूप लेख का प्रकाशन होता है। यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है और इस सन्दर्भ में कोई पत्र व्यवहार/मेल/फोन कॉल नहीं करें। अंतिम निर्णय लेखकों को प्रेषित कर दिया जाएगा।